मनोना धाम का एक कड़वा सच जिससे सम्भवत: बाबा जी अनजान है ओमेंद्र महाराज जी
मनोना धाम का एक कड़वा सच जिससे सम्भवत: बाबा जी अनजान है ओमेंद्र महाराज जी
मनोना धाम का एक कड़वा सच जिससे सम्भवत: बाबा जी अनजान है ओमेंद्र महाराज जीआ पके प्रांगण में एक धर्मशाला बना हुआ है यहां भी लोग रुकते हैं और यहीं से कुछ सेवादार व उनके कर्मचारी जो लोग एक-दो दिन पहले से लाइन लगा करके लंबी लाइन में खड़े हैं बाबा को दिखाने के लिए जल लेकर के वह वेचारे खड़े रह जाते हैं और इधर जिस तरफ से दर्शन करके लोग प्रसाद चढ़ा कर निकलते हैं इसी लाइन से कुछ सेवादार व कर्मचारी बीच-बीच में ही लोगों को ले जाकर के बाबा जी से मिलाते हैं और दर्शन करते हैं अब यह कैसे करते हैं यह भी बाबा तक बात पहुंछनी चाहिए क्योंकि जो लोग एक-एक दो दिन से 24 घंटे से भी ज्यादा से रात्रि में ठंडी पड़ती है लाइन लगाये हुे है वह वेचार खड़े रह जाते हैं और इधर 10 मिनट में 15-20 मिनट में लोग बाबा जी से आशीर्वाद लेकर के बिना लाइन लगाए शार्टकट रास्ते से कुछ कर्मचारी सेवादारों की कृपा से उनसे जल भी पी आते हैं और भी आशीर्वाद भी ले आते हैं हम तो यही कहेंगे बाबा के दरबार में अगर यह हो रहा है तो बहुत गलत हो रहा है बेचारी जो दूर दराज से बहुत से लोग आते हैं वह खड़े होकर के यह सब देखते हैं अगर धर्मशाला और मंदिर के बीच में सीसीटीवी कैमरा लगा हो तो उसे देखा जा सकता है फिलहाल यह बंद होना चाहिए बाबाजी तक यह बात पहुंचनी चाहिए वह एकदम से गलत है बाबा के दरबार में सभी एक समान है इसीलिए तो कहा जाता है हारे का सहारा खाटू श्याम जी एक बार फिर से बोलिए खाटू श्याम की जय आशा है हमारी यह बात बाबा तक पहुंचेगी जहां से यह कार्य होता है शार्टकट रास्ते से बाबा जी से मिलने का वहां गौरव सिंह चौहान नाम का बोर्ड लगा हुआ है और मोबाइल नंबर भी लिखा हुआ है यही से कुछ सेवादार व कर्मचारी इस काम में लगे है जो यही किया करते अब यह कैसे मिलाते हैं कुछ ले देकर या प्रभाव में या कृपा करके यह तो यही लोग जाने जहां बाबा गंभीर मरीजों को प्राथमिकता देते हैं और मरीजों को देखने के लिए जुटे रहते हैं उन्हें आशीर्वाद देते हैं जल पिलाते हैं दिन-रात एक किए हुए हैं वहीं यह कार्य इस प्रांगण में जो सेवादाररों/ कर्मचारियों के द्वारा किया जाता है क्या सही है शायद नहीं Manona dham manona dham
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